डॉ. यशवंत सिंह परमार औदयानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी, 13-14 सितंबर को अपने मुख्य परिसर में सतत खाद्य प्रणालियों और प्राकृतिक खेती पर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी करेगा। यह दो दिवसीय सम्मेलन फ्रांस के राष्ट्रीय कृषि, खाद्य और पर्यावरण अनुसंधान संस्थान और इंडियन इकोलॉजिकल सोसाइटी के हिमाचल चैप्टर के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। सम्मेलन का उद्देश्य टिकाऊ कृषि और प्राकृतिक खेती के महत्व पर विचार-विमर्श करना है, जिसमें देश-विदेश से कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञ और वैज्ञानिक भाग लेंगे।
उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल श्री शिव प्रताप शुक्ल होंगे, जबकि गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत सम्मानित अतिथि और मुख्य वक्ता होंगे। इस अवसर पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक, राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय बिहार के कुलाधिपति डॉ. पीएल गौतम, विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपति, और आईसीएआर संस्थानों के निदेशक भी शिरकत करेंगे। सम्मेलन में फ्रांस, सर्बिया, ब्रिटेन, मॉरीशस और नेपाल के वैज्ञानिकों सहित 200 से अधिक प्रतिभागी उपस्थित रहेंगे।
यह सम्मेलन टिकाऊ कृषि, प्राकृतिक खेती और कृषि क्षेत्र में फसल सुरक्षा के नवाचारों पर केंद्रित होगा। सम्मेलन का आयोजन विश्वविद्यालय के “सतत खाद्य प्रणाली मंच” और “एग्रो इकोलॉजिकल क्रॉप प्रोटेक्शन टुवर्ड्स इंटरनेशनल को-इनोवेशन डायनामिक्स एंड एविडेंस ऑफ सस्टेनेबिलिटी (एग्रोपिक्स)” परियोजना के अंतर्गत किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य बिना हानिकारक इनपुट्स के प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना है।
सम्मेलन चार प्रमुख विषयों पर आधारित होगा:
- जलवायु अनुकूलन के लिए कृषि पारिस्थितिकी प्रथाएं
- फसल सुरक्षा के लिए प्रकृति-आधारित समाधान
- सामाजिक-आर्थिक विकास में प्राकृतिक खेती की भूमिका
- सतत खाद्य प्रणालियों में नवाचार और तकनीकी विकास
यह सम्मेलन विभिन्न विशेषज्ञों, शिक्षाविदों, किसानों और छात्रों के बीच एक साझा मंच प्रदान करेगा, जिससे कृषि क्षेत्र में नवीन रणनीतियों और प्रथाओं का आदान-प्रदान हो सकेगा। इसका उद्देश्य टिकाऊ कृषि प्रथाओं के माध्यम से खाद्य और पोषण सुरक्षा को सुनिश्चित करना है।