चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति, डॉ. नवीन कुमार, ने मंडी जिले के अप्पर बहली क्षेत्र में स्थापित वर्मीकम्पोस्ट इकाई का दौरा किया। यह इकाई 28 वर्षीय युवा उद्यमी श्री हर्षुल द्वारा स्थापित की गई है, जो कुल्लू जिले के निरमंड क्षेत्र से हैं। उन्होंने सुंदरनगर के अप्पर बहली में 12 बीघा जमीन लीज पर लेकर वर्मीकम्पोस्ट उत्पादन की शुरुआत की। इस इकाई को कृषि विज्ञान केंद्र, मंडी का तकनीकी सहयोग प्राप्त है, और यह इकाई कृषि और बागवानी में जैविक खाद की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए कार्यरत है।
हर्षुल की वर्मीकम्पोस्ट इकाई वर्तमान में प्रति वर्ष 250 टन उत्पादन क्षमता के साथ कार्य कर रही है, और उनका “सुकेत कम्पोस्ट” ब्रांड हिमाचल प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाने में मदद कर रहा है। यह ब्रांड सतत कृषि और पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों में योगदान दे रहा है। हर्षुल ने अपनी इकाई को और विस्तार देने की योजना बनाई है और इसके तहत उन्होंने चांदडू गांव में 50 बीघा जमीन लीज पर लेकर एक बागवानी प्रदर्शन और नर्सरी इकाई स्थापित की है।
कुलपति डॉ. नवीन कुमार ने इस नवोन्मेषी पहल की प्रशंसा की और विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि हर्षुल, जो एक इंजीनियरिंग स्नातक हैं, ने कृषि क्षेत्र में आकर एक प्रेरणादायक मिसाल कायम की है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के उद्यम न केवल कृषि में नवाचार और उद्यमिता को प्रोत्साहित करते हैं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को भी सुदृढ़ करते हैं। डॉ. कुमार ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय भविष्य में भी ऐसे नवोन्मेषी उद्यमियों को तकनीकी विशेषज्ञता और मार्गदर्शन प्रदान करता रहेगा, ताकि कृषि उत्पादकता को और बढ़ाया जा सके।
इस दौरे के दौरान प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. विनोद शर्मा, कार्यक्रम समन्वयक केवीके मंडी डॉ. पंकज सूद, मृदा वैज्ञानिक डॉ. नेहा चौहान, और पशु चिकित्सा एवं पशुपालन वैज्ञानिक डॉ. बृज वनिता एवं ओम चंद ठाकुर भी उपस्थित रहे।