पालमपुर, 12 नवंबर। चौधरी सरवन कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय (सीएसकेएचपीकेवी) में एकदिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसका विषय था “प्लेजरिज्म और रिमोट एक्सेस सर्विस।” इस संगोष्ठी का शुभारंभ करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नवीन कुमार ने शोधार्थियों को अनुसंधान में अकादमिक नैतिकता का पालन करने पर बल दिया। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे किसी भी प्रकार के कॉपी-पेस्ट से बचें और अपने शोध कार्य को मौलिकता के साथ प्रस्तुत करें। प्रो. कुमार ने सुझाव दिया कि शोधार्थी पुस्तकालय की सेवाओं का उपयोग करते हुए अपने शोध कार्य को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्वसनीयता दिलाएं।
विश्वविद्यालय के पुस्तकालय अध्यक्ष, डॉ. आर.के. असरानी ने बताया कि पुस्तकालय में प्लेजरिज्म जाँच के लिए सॉफ्टवेयर के साथ-साथ कई डिजिटल पुस्तकें और जर्नल्स भी उपलब्ध हैं, जिनका उपयोग शोधकर्ता कर सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इन संसाधनों को सॉफ्टवेयर की मदद से घर बैठे भी एक्सेस किया जा सकता है।
मुंबई की कंटेंट एंड टेक्नोलॉजी सर्विस (सीटीएस) से आए विशेषज्ञ, प्रबोध कलसोत्रा ने प्रतिभागियों को प्लेजरिज्म संबंधित तकनीकी जानकारी देते हुए कॉपीलीक्स सॉफ्टवेयर के उपयोग और लाभ पर प्रकाश डाला। पुस्तकालय के अन्य अधिकारियों, डॉ. सन्नी कुमार और अरविंद कुमार ने शोधकर्ताओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स और प्लेजरिज्म से बचते हुए, मौलिक लेखन के सुझाव दिए। संगोष्ठी में विश्वविद्यालय के संविधिक अधिकारी, विभिन्न विभागों के अध्यक्ष, वैज्ञानिकों और विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।