पालमपुर, नवंबर – चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का समापन शुक्रवार को संपन्न हुआ। समापन समारोह के मुख्य अतिथि, कुलपति प्रो. नवीन कुमार ने कहा कि इस प्रकार की संगोष्ठियों का उद्देश्य विद्यार्थियों, किसानों और कृषि उद्योगों की भलाई करना है। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला में विशेषज्ञ अपने-अपने शोध पत्रों का आदान-प्रदान करते हैं जिससे विद्यार्थियों को महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त होती हैं।
कुलपति प्रो. नवीन कुमार ने कहा कि इन दो दिनों के दौरान जो निष्कर्ष निकाले गए हैं, उन्हें किसानों की भलाई के लिए कार्य में लगाएं। फसलों में होने वाली बीमारियों और उनकी रोकथाम के उपायों को किसानों तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया का प्रभावी उपयोग करने की सलाह दी। उन्होंने सुझाव दिया कि विशेषज्ञ फसलों की बीमारियों के समाधान के छोटे-छोटे वीडियो क्लिप्स बनाकर सोशल मीडिया के माध्यम से किसानों तक पहुंचाएं। इससे किसानों को सीधा लाभ होगा क्योंकि आज के समय में किसान भी सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते हैं और नई जानकारियाँ प्राप्त करने के लिए इसे एक सशक्त माध्यम मानते हैं।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि, कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एम.सी. राणा, पादप रोग विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ. डी.के. बनियाल, भारतीय फाइटोपैथोलॉजिकल सोसायटी के अध्यक्ष डॉ. सतीश शर्मा, डॉ. सुमन कुमार और डॉ. शिखा शर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर पोस्टर प्रतियोगिता में विजेता पल्लवी, सौम्या, मुकेश, सलोनी, अभिषा, निताशा, शलाखा, रिया, रवि कुमार, विशाल आचार्य, अक्षय, कविता, चिंतवान, दिव्या और आशिया नबी को प्रो. नवीन कुमार और प्रो. बृज मोहन सिंह ने पुरस्कार प्रदान किए।
यह दो दिवसीय संगोष्ठी भारतीय फाइटोपैथोलॉजिकल सोसायटी (आईपीएस) उत्तरी क्षेत्र और हिमालयन फाइटोपैथोलॉजिकल सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गई थी। कार्यशाला में कृषि महाविद्यालय के पूर्व अधिष्ठाता डॉ. बी. एम. सिंह, प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. विनोद शर्मा, अन्य वैज्ञानिक, विद्यार्थी और नई दिल्ली, पंतनगर, जम्मू और कश्मीर, सोलन, लुधियाना, अमृतसर और पालमपुर से कुल 170 प्रतिभागियों ने भाग लिया।