डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी ने हाल ही में आयोजित गुलदाउदी प्रदर्शनी-सह-पुष्प शो के माध्यम से एक अद्वितीय आयोजन किया, जिसमें गुलदाउदी की 160 से अधिक प्रजातियां और विशेष विश्वविद्यालय चयन प्रस्तुत किए गए। फ्लोरीकल्चर और लैंडस्केप आर्किटेक्चर विभाग द्वारा ऑल इंडिया कोऑर्डिनेटेड रिसर्च प्रोजेक्ट के तहत आयोजित यह कार्यक्रम हर उम्र के दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना।
इस भव्य आयोजन का उद्घाटन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल ने किया। उन्होंने न केवल प्रदर्शनी में प्रस्तुत गुलदाउदी की विविधता की सराहना की, बल्कि राज्य में इस फूल की व्यावसायिक खेती को प्रोत्साहित करने के प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को उन्नत किस्मों के विकास और किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए उनके वितरण पर जोर देने का आग्रह किया।
फूलों की खेती को मिला प्रोत्साहन
गुलदाउदी प्रदर्शनी न केवल एक दर्शनीय आयोजन था, बल्कि किसानों के लिए एक लाभदायक व्यावसायिक अवसर के रूप में इस फूल की खेती को प्रोत्साहित करने का भी मंच बना। विभाग प्रमुख, डॉ. एस.आर. धीमान ने जानकारी दी कि विश्वविद्यालय के पास गुलदाउदी की 160 से अधिक विशिष्ट किस्मों का जर्मप्लाज्म संग्रह है। इन किस्मों को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय स्थानीय किसानों को रोपण सामग्री वितरित कर रहा है।
रचनात्मकता का प्रदर्शन
प्रदर्शनी के दौरान विश्वविद्यालय के छात्रों ने अपनी रचनात्मक परिदृश्य सजावट का भी प्रदर्शन किया, जो उनकी कलात्मक और डिजाइन कौशल का प्रमाण था। इस आयोजन में छात्रों, स्थानीय किसानों और आसपास के स्कूली बच्चों ने भाग लिया और फूलों के इस जीवंत प्रदर्शन का आनंद लिया।
उत्कृष्टता को मिला सम्मान
इस अवसर पर किसानों की प्रस्तुतियों को भी मान्यता दी गई। प्रो. चंदेल ने सर्वश्रेष्ठ प्रविष्टियों के लिए किसानों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। यह आयोजन न केवल गुलदाउदी के सौंदर्य और महक का उत्सव था, बल्कि राज्य में फूलों की खेती को बढ़ावा देने और इसे आजीविका का मजबूत आधार बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी साबित हुआ।