डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी ने 1 दिसंबर को अपना 40वां स्थापना दिवस और 13वां दीक्षांत समारोह धूमधाम से मनाया। इस भव्य कार्यक्रम की अध्यक्षता हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री शिव प्रताप शुक्ल ने की। दीक्षांत भाषण हिमाचल प्रदेश के राजस्व, बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री श्री जगत सिंह नेगी ने प्रस्तुत किया। समारोह का आयोजन डॉ. एल.एस. नेगी सभागार में किया गया, जिसमें कई गणमान्य व्यक्तियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई।
816 डिग्रियां और 12 स्वर्ण पदक वितरित
दीक्षांत समारोह में कुल 816 डिग्रियां प्रदान की गईं, जिसमें 495 स्नातक, 222 स्नातकोत्तर, और 99 डॉक्टरेट डिग्रियां शामिल थीं। इसके साथ ही 12 स्वर्ण पदक और 461 मेरिट प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए। ये पुरस्कार विश्वविद्यालय के उन विद्यार्थियों को दिए गए जिन्होंने अपनी शिक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
विश्वविद्यालय का गौरवशाली इतिहास
डॉ. वाई.एस. परमार विश्वविद्यालय की औपचारिक स्थापना 1 दिसंबर 1985 को हुई, लेकिन इसका इतिहास सोलन के कृषि कॉलेज से जुड़ा है, जिसकी शुरुआत 1962 में हुई थी। अपनी स्थापना के बाद से ही विश्वविद्यालय ने औद्यानिकी और वानिकी के क्षेत्र में शिक्षा, शोध और विस्तार के जरिए उत्कृष्ट योगदान दिया है। यहां के छात्र, वैज्ञानिक और कर्मचारी अपने संयुक्त प्रयासों से हिमाचल प्रदेश को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित कर रहे हैं।