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हिमाचल में छोटे और सीमांत किसानों के लिए वरदान बनी एकीकृत कृषि प्रणाली: कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से दो प्रौद्योगिकी प्रमाण पत्र

पालमपुर, 7 दिसंबर 2024। चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय, पालमपुर को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) और भारतीय कृषि प्रणाली अनुसंधान संस्थान (IIFSR), मोदीपुरम द्वारा दो प्रतिष्ठित प्रौद्योगिकी प्रमाण पत्र प्रदान किए गए हैं। ये प्रमाण पत्र पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना में 2 से 5 दिसंबर, 2024 के बीच आयोजित “एकीकृत कृषि प्रणाली पर अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना” की द्विवार्षिक कार्यशाला के दौरान दिए गए।

कुलपति प्रो. नवीन कुमार की सराहना
कुलपति प्रो. नवीन कुमार ने विश्वविद्यालय के सस्य विज्ञान विभाग के प्रमुख डेवलपर डॉ. एस.सी. नेगी और उनकी टीम के सदस्यों, डॉ. पवन पठानिया और डॉ. संजय के. शर्मा को इस उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई दी। उन्होंने टीम के वैज्ञानिक कौशल, प्रतिबद्धता और नवाचार की प्रशंसा करते हुए इसे विश्वविद्यालय और प्रदेश के लिए गर्व का विषय बताया। प्रो. नवीन कुमार ने कहा कि यह सफलता कृषि विश्वविद्यालय की अनुसंधान और कृषि चुनौतियों को हल करने की क्षमता को प्रमाणित करती है।

एकीकृत कृषि प्रणाली: हिमाचल के किसानों की आय बढ़ाने का कारगर उपाय
एकीकृत कृषि प्रणाली पर आधारित अनुसंधान परियोजना, विश्वविद्यालय में 2010 से सक्रिय है। इस प्रणाली में छोटे और सीमांत किसानों की आय और आजीविका को सुदृढ़ करने के लिए फसल उत्पादन और बागवानी के साथ पशुपालन, बकरी पालन, मुर्गी पालन, मछली पालन और मशरूम की खेती जैसे कई घटकों को शामिल किया गया है। यह प्रणाली छोटे और सीमांत किसानों को कृषि और संबद्ध गतिविधियों के माध्यम से स्थायी आय स्रोत प्रदान कर रही है।

सफलता के प्रभाव
प्रो. नवीन कुमार ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के किसानों ने एकीकृत कृषि प्रणाली अपनाकर अपनी आय में वृद्धि की है। इसके अलावा, यह प्रणाली जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने और सतत कृषि को बढ़ावा देने में भी सहायक सिद्ध हो रही है।

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