डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी और वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी में शीतोष्ण फलदार पौधों की वार्षिक बिक्री सोमवार से शुरू हो गई। यह बिक्री “पहले आओ, पहले पाओ” के आधार पर आयोजित की जा रही है। विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर और क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्रों में आयोजित इस वार्षिक बिक्री में हिमाचल प्रदेश और आसपास के राज्यों से किसान बड़ी संख्या में शामिल हो रहे हैं।
बिक्री की मुख्य विशेषताएं:
- किसानों की भागीदारी: पहले दिन 537 किसानों ने नौणी के मुख्य परिसर और क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्रों से 16,173 पौधे खरीदे।
- पौधों की किस्में: किसानों ने सेब, नाशपाती, खुमानी, आड़ू, चेरी, कीवीफ्रूट, अखरोट, अनार, प्लम और जापानी फल जैसे पौधों की विभिन्न किस्में खरीदीं।
- क्षेत्रीय केंद्रों का योगदान: कुल्लू जिले के बजौरा स्थित क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान केंद्र ने 9 दिसंबर से बिक्री शुरू की थी, जहां से 292 किसानों ने 11,512 पौधे खरीदे।
अब तक, विश्वविद्यालय और क्षेत्रीय केंद्रों के माध्यम से 829 किसानों को कुल 27,685 पौधे बेचे जा चुके हैं।
फलों के विविधीकरण की बढ़ती मांग:
इस वर्ष, किसानों ने फलों की फसलों के विविधीकरण की ओर अधिक रुचि दिखाई है। सेब की पारंपरिक किस्मों के साथ-साथ जापानी फल, कीवी और अन्य गुठलीदार फलों की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है।
बिक्री के लिए पौधों की उपलब्धता:
इस वर्ष, विश्वविद्यालय और इसके क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्रों पर कुल 2 लाख से अधिक पौधे बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। यह सेल “पहले आओ, पहले पाओ” के आधार पर जारी रहेगी।