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अनुशासन और आत्मरक्षा के लिए खेलों की भूमिका: कुलपति प्रो. नवीन कुमार

पालमपुर, 4 जनवरी। चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नवीन कुमार ने विद्यार्थियों के शारीरिक स्वास्थ्य, अनुशासन और सुरक्षा के लिए खेलों के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि खेल गतिविधियां न केवल शरीर को स्वस्थ रखती हैं, बल्कि जीवन में आत्मरक्षा और अनुशासन बनाए रखने में भी सहायक होती हैं।

यह बात कुलपति ने विश्वविद्यालय में आयोजित ताइक्वांडो सेल्फ-डिफेंस कोचिंग सत्र के दौरान कही। उन्होंने बताया कि यह सत्र छात्रों की आत्मरक्षा कौशल, शारीरिक फिटनेस और अनुशासन को मजबूत करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है।

स्वरक्षा प्रशिक्षण का इतिहास और महत्व

विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण अधिकारी डॉ. अशोक कुमार पांडा ने बताया कि यह ताइक्वांडो प्रशिक्षण कार्यक्रम पिछले छह वर्षों से लगातार चल रहा है। अब तक लगभग 2,000 छात्र-छात्राओं को स्वरक्षा का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। उन्होंने कहा कि यह पहल छात्रों को शारीरिक और मानसिक रूप से सशक्त बनाने में प्रभावी सिद्ध हो रही है।

ताइक्वांडो कोच द्वारा तकनीकी प्रशिक्षण

ताइक्वांडो कोच सोमराज ने छात्रों को ताइक्वांडो की मूलभूत तकनीकों जैसे किक, पंच, ब्लॉक और अन्य सेल्फ-डिफेंस रणनीतियों की जानकारी दी। उन्होंने आत्मरक्षा के महत्व और शारीरिक एवं मानसिक मजबूती पर जोर देते हुए छात्रों को प्रोत्साहित किया।

कार्यक्रम में उप-छात्र कल्याण अधिकारी डॉ. अंजलि सूद और खेल प्रभारी डॉ. फरान भट्ट भी उपस्थित रहे।


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