चौधरी सरवन कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय, पालमपुर, जो 1 नवंबर 1978 को स्थापित हुआ, अब कृषि शिक्षा, अनुसंधान और विस्तार के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित नाम है। यह विश्वविद्यालय भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) से मान्यता प्राप्त है और कृषि, पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान, सामुदायिक विज्ञान और आधारभूत विज्ञान में विशेषज्ञता रखने वाले चार प्रमुख महाविद्यालयों का घर है।
2024 की प्रमुख उपलब्धियां
शैक्षणिक उत्कृष्टता
- एनआईआरएफ रैंकिंग में उच्च स्थान: कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में राष्ट्रीय स्तर पर 19वां और राज्य कृषि विश्वविद्यालयों में 15वां स्थान।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 का क्रियान्वयन: विश्वविद्यालय ने 4 वर्षीय स्नातक ऑनर्स डिग्री कार्यक्रम शुरू करके राज्य में NEP-2020 को लागू करने की पहल की है।
- डिजिटलीकरण और ई-लर्निंग: अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (ABC) प्रणाली के तहत 1023 विद्यार्थियों के 3030 क्रेडिट अभिलेख डिजिलॉकर में अपलोड किए गए हैं।
छात्र उपलब्धियां
- प्लेसमेंट और राष्ट्रीय परीक्षाओं में सफलता: 75 से अधिक छात्रों को विभिन्न संगठनों में प्लेसमेंट मिला। 62 छात्रों ने SRF और 17 ने NET परीक्षाएं उत्तीर्ण कीं।
- समग्र विकास: योग, संगीत, खेल और उद्यमिता जैसे क्षेत्रों में छात्रों की भागीदारी सुनिश्चित की गई।
- विशेष उपलब्धियां: सुश्री तरुण कमल ने यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण कर विश्वविद्यालय का गौरव बढ़ाया।
अनुसंधान और नवाचार
- नवीन प्रौद्योगिकियां: रासायनिक मुक्त कृषि, हाइड्रोपोनिक्स, और ड्रोन प्रौद्योगिकी का उपयोग।
- फसल संवर्धन और संरक्षण: 22 नई फसल किस्मों और 7 कृषि प्रौद्योगिकियों की संस्तुति।
- विशेष परियोजनाएं: मल्टीस्पेक्ट्रल ड्रोन तकनीक और नैनो जिंक ऑक्साइड के जैव-संश्लेषण पर अनुसंधान।
किसान सेवा
- किसानों के लिए उन्नत तकनीक: 1100 क्विंटल बीज और चार लाख पौध स्टॉक का उत्पादन।
- किसानों का सम्मान: काला जीरा और स्थानीय खीरे के लिए राष्ट्रीय स्तर पर “प्लांट जीनोम सेवियर अवार्ड”।
निष्कर्ष
चौधरी सरवन कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय 2024 में अपनी उपलब्धियों और नवाचारों के माध्यम से कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में प्रगति के नए आयाम स्थापित कर रहा है। यह विश्वविद्यालय किसानों, छात्रों और अनुसंधानकर्ताओं के लिए एक प्रेरणा स्रोत है।