तकनीक और नवाचार

हिमाचल प्रदेश के डॉ. यशवंत सिंह औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय (यूएचएफ), नौणी के कुलपति प्रोफेसर राजेश्वर सिंह चंदेल को उनके उल्लेखनीय शोध और कीट विज्ञान (एंटोमोलॉजी) के क्षेत्र में योगदान के लिए एंटोमोलॉजीकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (ईएसआई) द्वारा लाइफ फेलोशिप से सम्मानित किया गया है। यह प्रतिष्ठित सम्मान उन्हें नई दिल्ली में ‘फ्रंटियर्स इन एंटोमोलॉजी-2025’ और ईएसआई स्थापना दिवस पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी के दौरान प्रदान किया गया।

1938 में स्थापित एंटोमोलॉजीकल सोसाइटी ऑफ इंडिया देश के अग्रणी वैज्ञानिक संगठनों में से एक है, जो कीट विज्ञान के क्षेत्र में शोध और प्रगति को बढ़ावा देता है। यह सोसाइटी ‘इंडियन जर्नल ऑफ एंटोमोलॉजी’ सहित विभिन्न तकनीकी पुस्तकों और शोध बुलेटिनों का प्रकाशन करती है।

प्रोफेसर चंदेल प्राकृतिक खेती, टिकाऊ कृषि पद्धतियों और कीटनाशक विष विज्ञान में अपने शोध और नवाचार के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने हिमाचल प्रदेश सरकार की प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना (पीके3वाई) को लागू करने में अहम भूमिका निभाई, जिससे राज्य के 1.70 लाख से अधिक किसान लाभान्वित हुए। मई 2022 से वे नौणी विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में कार्यरत हैं।

प्रोफेसर चंदेल ने 20 से अधिक राष्ट्रीय और राज्य-वित्त पोषित अनुसंधान परियोजनाओं का नेतृत्व किया है और 200 से अधिक शोध पत्र राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित किए हैं। वे प्राकृतिक कृषि पद्धतियों पर वैज्ञानिक डेटा तैयार करने और किसानों, विशेष रूप से महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए समर्पित हैं।

इस सम्मान को प्राप्त करने पर उन्होंने एंटोमोलॉजीकल सोसाइटी ऑफ इंडिया के प्रति आभार व्यक्त करते हुए इसे किसानों के कल्याण और कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए उनकी प्रतिबद्धता को और मजबूत करने वाला बताया।

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