
डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के मूल विज्ञान विभाग ने राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2025 को उत्साहपूर्वक मनाया। इस अवसर पर प्रमुख व्याख्यानों और विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में वानिकी महाविद्यालय के डीन, डॉ. सी.एल. ठाकुर मुख्य अतिथि रहे, जबकि पूर्व आईएएस अधिकारी सी.एस. तलवार, विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र कल्याण डीन डॉ. के.के. रैना और शिक्षाविद विशाल जैन ने राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2025 के महत्व और इसकी थीम पर विस्तार से चर्चा की।
विज्ञान और नवाचार में भारतीय युवाओं की भूमिका
इस वर्ष का विज्ञान दिवस विषय ‘विकसित भारत के लिए विज्ञान और नवाचार में वैश्विक नेतृत्व हेतु भारतीय युवाओं को सशक्त बनाना’ था। मुख्य वक्ता सी.एस. तलवार ने छात्रों को विज्ञान के क्षेत्र में नई खोजों और नवाचारों को अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने भारतीय वैज्ञानिकों की उपलब्धियों को याद करते हुए कहा कि भारत की समृद्ध वैज्ञानिक विरासत हमें नवीन अनुसंधानों के लिए प्रेरित करती है। अन्य वक्ताओं ने प्राचीन भारतीय संस्कृति और वैज्ञानिक खोजों के योगदान पर प्रकाश डाला। डॉ. सी.एल. ठाकुर ने भारत के प्राचीन ऋषियों के वैज्ञानिक दृष्टिकोण और उनकी आध्यात्मिक सोच की सराहना की, जिन्होंने विज्ञान और नवाचार को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रतियोगिताओं में छात्रों का शानदार प्रदर्शन
कार्यक्रम के दौरान विज्ञान और नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इसमें 96 स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों ने भाग लिया, जिनमें से 50 नामांकित प्रतिभागी थे। प्रमुख प्रतियोगिताओं में विज्ञान प्रश्नोत्तरी और पोस्टर-मेकिंग शामिल थीं।
- प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में, प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिकों के नाम पर टीमों का गठन किया गया।
- विक्रम वॉयाजर्स – प्रथम स्थान
- रमन रेज़ – द्वितीय स्थान
- कलाम ड्रीमर्स – तृतीय स्थान
- पोस्टर-मेकिंग प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विजेता:
- प्रथम स्थान – जिज्ञासा धीमान (बीएससी ऑनर्स वानिकी)
- द्वितीय स्थान – कृतिका
- तृतीय स्थान – वंशिका
मुख्य अतिथि डॉ. सी.एल. ठाकुर ने सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित कर उनकी उपलब्धियों की सराहना की।
कार्यक्रम का समापन और धन्यवाद ज्ञापन
कार्यक्रम का समापन बेसिक साइंसेस विभाग के प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष, डॉ. आर.के. गुप्ता के प्रेरणादायक शब्दों के साथ हुआ, जिन्होंने छात्रों को विज्ञान और नवाचार के प्रति समर्पित रहने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम समन्वयक प्रोफेसर आशु चंदेल ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन, फैकल्टी सदस्यों, छात्रों और आयोजकों के प्रयासों की सराहना की।
यह आयोजन छात्रों के लिए न केवल एक शिक्षाप्रद अनुभव रहा, बल्कि उनके वैज्ञानिक सोच और नवाचार को प्रोत्साहित करने में भी सहायक सिद्ध हुआ।